चाहत में प्रेम बहुत है

चाहत में प्रेम बहुत है
देखो तो विश्वास बहुत है
प्रेम के इस संगम में 
हम दोनों का कल्याण बहुत है//1

अधरों के मिलने में लब्जो का काम नहीं है
इस प्रेम की पावन बेला पर अब  मुझको भी इन्कार नहीं है
अर्पण करता हूं मैं अब तुझको ही अपनी सांसे
मुझको भी अब इनसे प्यार नहीं है//2

देखो चलना है आगे भी मिलकर 
राहों से भी कहना है देखेंगे अब आगे बढ़कर 
उससे जो मिलकर जो मेल बढ़ा इस बंधन का 
देखेंगे अब हम भी इस चाहत में पड़कर//3

यह प्रेम नहीं है उसके आकर्षण का 
यह रिश्ता तो है उसके एहसासों का 
अब तू साथ चले मेरे दिलवर 
प्रेम तो नाम है इक दूजे जा हो जाने का//4

खोना भी पड़ता है प्यार के इस संगम में 
गिरना भी पड़ता है साथ में उसके चलने पर 
साथी तेरा साथ रहे जीवन भर
जीवन भी चलता रहता है उसके रहने पर//5

प्यार में कहती हो
बिन तेरे मर जाएंगे 
प्यार तो है बंधन है पावन एहसासों का 
तुम ही बोलो तेरे बिन हम कैसे रह पाएंगे//6

मिलने की बेला का एहसास बड़ा जरूरी है 
अपनेपन का विश्वास दिलाना बड़ा जरूरी है 
तुम कहते रहना बस हमसे 
प्राणों की बेदी पर हम दोनों का मिलना बहुत जरूरी है//7

नजरों ने नजरों को पहचान लिया 
शब्दों ने भी उसके एहसासों को जान लिया 
प्रेम पढ़कर उसके 
मैंने भी खुद को पहचान लिया//8

चाहत में प्रेम बहुत है
देखो तो विश्वास बहुत है
प्रेम के इस संगम में 
हम दोनों का कल्याण बहुत है//9

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