medium and technique in art

चित्रकला में माध्यम एवं तकनीक

चित्रकला में माध्यम का प्रयोग : 

चित्रकला में विषय एवं तकनीक के साथ साथ माध्यम की भी मुख्य भूमिका होती है, इनके अनुपस्थिति में चित्र का मूर्त रूप संभव नहीं है। समय के साथ-साथ चित्रों के माध्यम एवं तकनिकों में परिवर्तन हुआ। अगर हम प्रागैतिहासिक काल के चित्रों से लेकर वर्तमान समय के चित्रों में माध्यम के प्रयोग को देखें तो इसमें बहुत ही परिवर्तन हुआ। जहाँ गुफा चित्रण में आदि मानव गेरु रंग, खड़िया एवं कोयला के प्रयोग से चित्रण करते थे, तो अजंता, बाघ, जोगीमारा, तथा सितलबासल आदि गुफा के भित्तिचित्रण में टेम्परा का प्रयोग हुआ। इसके बाद तैल रंग , जल रंग तथा ऐक्रेलिक रंग का प्रयोग वृहद पैमाने पे शुरू हुआ।

चित्रकला में माध्यम का प्रयोग निम्नलिखित है : 
१. पेंसिल २ रबड़ ३. जल रंग ४. पोस्टर रंग ५. तैल रंग ६. एक्रेलिक रंग ७. टेम्परा ८. फ्रेस्को ९. कोलाज १०. मोजैक ११. स्याही १२. डिजिटल पेंटिंग आदि ।


१. पेंसिल (Pencil):- 

किसी भी माध्यम में चित्र बनाने से पहले चित्रपट पर पेंसिल से रेखांकन या ड्राइंग करना अतिआवश्यक है चित्र में रेखांकन के लिए पेंसिल के अलावे चॉक खड़िया तथा चारकोल का प्रयोग करते हैं। पेंटिंग में रंग या वर्ण प्रयोग के अतिरिक्त हमें पेंसिल शेडिंग या छाया प्रकाश का ज्ञान होना भी आवश्यक है।

सामान्यतः ड्राइंग के लिए HB पेंसिल का प्रयोग करते हैं, जो सबसे ज्यादा प्रचलित है। यहाँ पर HB का मतलब है- H का अर्थ Hardness है, तथा B का अर्थ Blackness होता है।

इसके अतिरिक्त 2B4B, 6B, 8B तथा 10B का प्रयोग ड्राइंग के साथ शेडिंग के लिए करते हैं। यहाँ पर पेंसिल के बढ़ते क्रम से पेंसिल की डार्कनेस का पता चलता है।


रबड़ (Eraser):- 

जब भी हम कागज पर पेंसिल से रेखांकन या ड्राइंग करते हैं और किसी कारणवश ड्राइंग गलत हो जाता है तो हम उसे रबड़ की सहायता से मिटा देते हैं। यहाँ रबड़ को अंग्रेजी में Eraser कहते हैं। Eraser, erase शब्द से बना है जिसका अर्थ मिटाना या साफ करना होता है। रबड़ हमेशा ही अच्छी और सॉफ्ट क्वालिटी का प्रयोग करनी चाहिए।


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