आज हम हैं, वो कल का जमाना था


आज हम हैं, वो कल का जमाना था
सोचा था ना खोएंगे, वो वक्त पुराना था
जाना था और चल भी दिए,
 जिन्हें दुर तक जाना था
आती हैं वो आवाजें क्यों,
जब उनको चले ही जाना था
बुलाती हैं ये खुशियां हमें क्यों, 
जब हमें ही छोड़ के जाना था
बीता बचपन और हम बड़े हो गए,
क्या इसको यू ही गुजर जाना था
याद आता है भईया वो आपका,
मक्खी पकड़ कर कानों में छिपाना।
वो हवा का झोंका अब सोने नहीं देता,
बुझा गया दीपक,अब रोने नहीं देता
मंजिल दूर थी कुछ दूर साथ जाना था
जाना था और चल भी दिए,
जिन्हें दूर तक जाना था
जिन्हें दूर तक जाना था......
                      By Kk3

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