पशुपति शिव (Shiva Pashupati)
सिंधु घाटी सभ्यता से प्राप्त पशुपति की शिव मुहर, एक प्रसिद्ध कलाकृति है जो मोहनजोदड़ो नामक स्थल से प्राप्त हुई है। इस मुहर पर मुख्य आकृति के दाई ओर भैंस और गैंडा तथा बाई ओर हाथी और बाघ है नीचे की तरफ हिरण बनाए गए हैं इस मुहर की मुख्य आकृति तीन सींगों वाला मुकुट पहने एक देवता की है, जो योग मुद्रा में पलथी मार कर बैठा है इस आकृति को विद्वानों ने शिव का आदिम रूप माना है।
पाशुपत शिव से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
- खोज पशुपतिनाथ सिंधु घाटी सभ्यता के मोहनजोदड़ो पुरातात्विक स्थल से मिली है
- आकृति इसमें तीन सिंगों वाले मुकुट पहने देवता की हैं योग मुद्रा में बैठे हैं।
- देवता के बाई ओर हाथी बाघ और दाई ओर बैल गैंडा तथा नीचे की तरफ हिरण बनाए गए हैं।
- इस मुहर का संबंध पशुपति अर्थात हिंदू देवता भगवान शिव से संबंध स्थापित किया जाता है।
- संरक्षण यह मुहर वर्तमान में राष्ट्रीय संग्रहालय ने दिल्ली में रखी हुई है।
- निर्माण सामग्री सेलखड़ी पत्थर
- माप 3.56 सेमी ऊंची, 3.53 सेमी लंबी, 0.76 सेमी चौड़ी
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