Prabhakar Bharwe

प्रभाकर बर्वे 
'मेंढ़े' वाला चित्र प्रभाकर बर्वे की प्रसिद्ध किताब 'कोरा केनवास' से लिया गया है। बर्वे के चित्रों में पत्थर, मिरची, पेड़, पशु, बीज, जैसे छोटी-बड़ी वस्तुओं के आकार दिखते हैं निसर्ग के मूलाक्षर' नामक चित्र में अभी–अभी जमीन से ऊपर आया हुआ नन्हा पौधा, पेड़, पत्ता, पंछी, मछली, फल, फूल जैसे अनेक आकार हैं। आपने कभी आसमान में हाथी के आकार का बादल देखा है, या फिर पेड़ के पत्ते जैसे दिखने वाला मछली का आकार, या फिर किसी उबड़-खाबड़ बादल में चेहरा ? ऐसे कई आभासी आकार इनके चित्रों में दिखते हैं। प्रकृति के प्रति गहरी श्रद्धा और खुद के चित्र से सच्चे रहे बरवे ने कोरा केनवास' नामक किताब में लिखा है, नाभि के मूल से पेंटिंग का जन्म होना चाहिए। वहां से निकले आकार भूख जितने ही सच्चे होते हैं ।

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